इस लेख में जानेंगे, Fundamental Analysis Kya Hai? फंडामेंटल एनालिसिस क्या होता है, इसके प्रकार, रेश्यो और शेयर मार्केट में सही कंपनी चुनने का तरीका। नए निवेशकों के लिए संपूर्ण गाइड।
अगर आप शेयर मार्केट में नए हैं और सही कंपनी में निवेश करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको Fundamental Analysis Kya Hai? फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) के बारे में जानना जरूरी है। फंडामेंटल एनालिसिस की मदद से आप किसी कंपनी की असली (True) वैल्यू का पता लगा सकते हैं। इससे आप यह तय कर सकते हैं कि कोई शेयर अपने असली मूल्य से महंगा है या सस्ता।
🔍 फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? (Fundamental Analysis Kya Hai)
फंडामेंटल एनालिसिस किसी कंपनी के इंट्रिंसिक वैल्यू (Intrinsic Value) यानी असली मूल्य का पता लगाने की प्रक्रिया है। जब कोई निवेशक किसी कंपनी का शेयर खरीदता है, तो यह जानना जरूरी होता है कि वह शेयर सही कीमत पर खरीदा जा रहा है या नहीं। यदि किसी शेयर की मार्केट प्राइस उसकी असली वैल्यू से अधिक है, तो वह ओवरवैल्यूड (Overvalued) कहलाता है। वहीं, अगर किसी शेयर की कीमत उसकी असली वैल्यू से कम है, तो वह अंडरवैल्यूड (Undervalued) होता है — जो निवेश के लिए अच्छा अवसर हो सकता है।
🧮 फंडामेंटल एनालिसिस के प्रकार।
फंडामेंटल एनालिसिस को दो मुख्य भागों में बांटा गया है:
1. Qualitative Analysis (गुणात्मक विश्लेषण)
इसमें कंपनी की गैर-आर्थिक चीज़ों का अध्ययन किया जाता है जैसे:
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कंपनी का मैनेजमेंट और लीडरशिप
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कंपनी की ब्रांड वैल्यू और इमेज
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बिजनेस मॉडल
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मार्केट में प्रतिस्पर्धा (Competition)
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कंपनी का भविष्य का विज़न और रणनीति
2. Quantitative Analysis (परिमाणात्मक विश्लेषण)
इसमें कंपनी के वित्तीय आँकड़ों (Financial Data) का विश्लेषण किया जाता है, जैसे कि –
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बैलेंस शीट
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इनकम स्टेटमेंट
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कैश फ्लो स्टेटमेंट
इन स्टेटमेंट्स से कंपनी की कमाई, खर्च और फाइनेंशियल हेल्थ का पता चलता है।
📊 फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें?
कंपनी का सही विश्लेषण करने के लिए आपको उसकी तीन मुख्य वित्तीय रिपोर्टों को समझना होगा:
🧾 1. बैलेंस शीट (Balance Sheet)
बैलेंस शीट से आपको कंपनी की एसेट्स (Assets), लायबिलिटी (Liabilities) और इक्विटी (Equity) की जानकारी मिलती है। इससे पता चलता है कि कंपनी के पास कुल संपत्ति कितनी है और उस पर कितना कर्ज है।
💰 2. इनकम स्टेटमेंट (Income Statement)
यह स्टेटमेंट बताता है कि कंपनी ने कितनी आमदनी (Income) की और कितना नुकसान (Loss) हुआ। यानी कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी (Profitability) का अंदाज़ा इससे लगता है।
💵 3. कैश फ्लो स्टेटमेंट (Cash Flow Statement)
यह रिपोर्ट बताती है कि कंपनी में कितना पैसा आ रहा है और कितना जा रहा है। कंपनी का कैश फ्लो पॉज़िटिव होना एक अच्छा संकेत होता है।
📈 फंडामेंटल एनालिसिस के प्रमुख रेश्यो (Ratios)
1. EPS Ratio (Earnings Per Share)
EPS बताता है कि कंपनी ने प्रति शेयर कितना मुनाफा कमाया।
Formula:
👉 EPS = (Net Income – Preferred Dividend) / Total Number of Shares
2. PB Ratio (Price to Book Value)
यह बताता है कि कंपनी का शेयर उसके बुक वैल्यू की तुलना में सस्ता है या महंगा।
Formula:
👉 PB Ratio = Share Price / Book Value per Share
3. PE Ratio (Price to Earnings)
PE Ratio बताता है कि निवेशक कंपनी की एक रुपये की कमाई के लिए कितनी कीमत चुकाने को तैयार हैं।
Formula:
👉 PE Ratio = Market Value per Share / Earnings per Share
4. ROE Ratio (Return on Equity)
यह बताता है कि कंपनी अपने शेयरहोल्डर्स की इक्विटी पर कितना रिटर्न दे रही है।
Formula:
👉 ROE Ratio = Net Income / Total Equity
5. Debt to Equity Ratio
यह रेश्यो बताता है कि कंपनी पर कितना कर्ज है और उसके मुकाबले कंपनी की इक्विटी कितनी है।
Formula:
👉 Debt to Equity Ratio = Total Debt / Shareholder’s Equity
💡 फंडामेंटल एनालिसिस से क्या फायदा होता है?
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सही समय पर अंडरवैल्यूड शेयर पहचानने में मदद मिलती है।
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लॉन्ग टर्म निवेश (Long Term Investment) के लिए सही कंपनी चुनने में सहायता मिलती है।
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जोखिम (Risk) को कम करता है।
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कंपनी की वित्तीय स्थिति और ग्रोथ पॉसिबिलिटी का सही अनुमान मिलता है।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। यदि आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो आपको स्वयं शेयर बाजार के बारे में सीखना चाहिए या किसी वित्तीय सलाहकार और प्रमाणित विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। शेयर बाजार जोखिम भरा होता है। कोई भी निवेश करने से पहले, आपको किसी विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेना चाहिए।
🧭 निष्कर्ष (Conclusion)
👉 यह भी पढे: वॉरेन बफेट क्यों कहते हैं, जब निवेशक निवेश करने से डरे, तब आप निवेश करें।
FAQ
1. फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? (Fundamental Analysis Kya Hai)
आप फंडामेंटल एनालिसिस के जरिये कंपनी अच्छी है या खराब है, इसका मूल्यमापन कर सकते है। जो कंपनी अच्छी है, उसके कुछ अच्छे रिजल्ट दिखाई देते है, और जो कंपनी खराब है, उसके कुछ खराब रिजल्ट दिखाई देते है।
2. फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करे?
फंडामेंटल एनालिसिस करने के लिए कोई भी कंपनी का मैनेजमेंट कैसा है, कंपनी की इकॉनमी कंडीशन कैसी है, शेयर की करंट प्राइस कैसी है, कंपनी का फ्यूचर प्लान कैसा है, और कंपनी का बिज़नेस मॉडेल कैसा है, इसका स्टडी किया जाता है।
3. फंडामेंटल एनालिसिस कितने प्रकार से करते है?
Qualitative Analysis में कंपनी के मैनेजमेंट का निर्णय, कंपनी का परपॉर्मेन्स, कंपनी की ब्रांड वैल्यू, कंपनी का फ्यूचर प्लान तथा अन्य चीजे शामिल होते है।Quantitative Analysis में कंपनी का फाइनेंसियल स्टेटमेंट और कंपनी की नंबर रिपोर्ट की जाँच की जाती है।
